ये गोट है फीमेल
साले सारे ही बकरी है
इन्हे शेर भी देखना है
जैसी करनी वैसी जर्नी
आज काल इतनी अग्नि मेरे तन्न मे गर्मी
जुबां पे लाभा ला दे बेशरमी
काम है मे बदनाम अधर्मी
जैसे साइकेट्रिस्ट खेलु दिमाग से
ऊपर से मारता नहीं घुमाके
लिखू सोच को गहराइयो मे दुबके
स्टाइल क्लासिक तभी जचता है जुबां पे
आई गोट दीस सारे गौर से देखे चलु चौड़ ऐसी लेके
बिना पॉलिटिक्स वाली पालिसी लेके
आई सीम लिखे मॉन्स्टर
निचे क्वालिटी वाली भरी बॉल्स अभी लेके
काफी इनके मिस्ड कॉल्स की
बिना ताले चाबी बंद करो इनकी
सील पैक करू जहा से तू आया है
तेरी ले रहा हु ट्रिप माँ कसोल की
ये गोट है फीमेल
साले सारे ही बकरी है
इन्हे शेर भी देखना है
और गाँड भी फट्ट री है
ये गोट है फीमेल
साले सारे ही बकरी है
इन्हे शेर भी देखना है
और गाँड भी फट्ट री है
मिला तुझे बास चौनी थी ज़मीन
उड़ने को पर नहीं पैरो मे लग्गे विंग
काफियो पे किया प्यार प्यार मै यकीन
डार्क मेरी लाइफ इस नाउ इट’स आल अबाउट ग्रीन
मिला तुझे बास चौनी थी ज़मीन
उड़ने को पर नहीं पैरो मे लग्गे विंग
काफियो पे किया प्यार प्यार मै यकीन
डार्क मेरी लाइफ इस नाउ इट्स आल अबाउट ग्रीन
आत को रोका नहीं जाती को टोका नहीं
अधूरे प्यार से बढ़िया मिल जाता धोका ही
नफरत पाना देती मिले पहली गलती पे दूसरा मौका नहीं
तू भाग सबसे आगे ले दीमाग लेजा साथ मे
मे ईद वो चाँद जो चमका नहीं एक रात मे
हाथ मे वो जो भर तेरी औकात से
तू फाटु है या ज़ोर पूरा लगा नहीं पाप से
आप से तू पे सच तेरे मुह पे
आँद तेरे तेरी अन्धभक्ति मे डूबे
तुझे दुःख है तू सबके मारे
रिश्ते ख़रीदे तूने डालके कुछ रूपए
एक करम साफ़ बाकी सारे कलाबाज़ी के
सर उठा के दुआ कभी झुक गए नमाज़ी से
जब से काम पे लगे हम कदार थे शहबाज़ी के
ज़मीनी महाराज शोला था मैं सत्रह मे भोला
अठारह मे हुआ जो भी उन्नीस मे बोलै
बीस पे जिन्होंने कर्री प्यार की कदर नहीं
उन्हें इक्कीस मे बच्चा बस देने को लावड़ा
ये गोट है फीमेल
साले सारे ही बकरी है
इन्हे शेर भी देखना है
मे हु बैहरा जो डूबा रहता गाने बनाने मे
खुल के उडाया जितना लगा तू कामने मे
इन् आँखों ने देखा है सब
बस किया नहीं दिखावा मैंने जाके ज़माने पे
बचपन निकल गया कूड़ ते फ़ां ते
स्कूल के टाइम से सारे उलटे काम थे
खुल के मानते किये जितने काण्ड थे
कुछ लगे सही कुछ गलत इलज़ाम थे
सोचा नहीं कभी मैंने व्हाट इफ़
किया सबकुछ खुद नहीं गॉड गिफ्ट
मोटीवेट किया किसी को जो पहली बार
उस दिन से रैप मेरा बन गया मोटीव
मेरी तरह अपनी चला तेरी चले तो
मैंने बाते चार भले रखे दो
खुली तीसरी आँख मेरी हाल फिलाल
मैंने सांप लगा लिए गले क्यों
भगवन को बिठाके बाजु मे बोल
क्यों ना खुद को ही पहले तालशु मे
नवाज़ु मे एक ही तराज़ू मैं सबको तराशा
जो खुद को तो खुदसे नाराज़ हूँ मे
इंसानी बुद्धि परेशानी खुद्की काम से ज़्यादा
जैसे अंधकानून आँखों पे काली पट्टी
वाही स्नाइपर जो मोटी हरी डालु गद्दी
इन्हे कोई साध बुद्धि दे
नींद से जगाये मारे चार इनकी गुद्दी पे
खुली इनकी आँख दिमाग पर ये जागे ना
ऐसे चुतियो के पीछे जिया मेरा लगे ना
ये गोट है फीमेल
साले सारे ही बकरी है
इन्हे शेर भी देखना है
और गाँड भी फट्ट री है
ये गोट है फीमेल
साले सारे ही बकरी है
इन्हे शेर भी देखना है